इस किताब में साकी के साथ हुई 140 बातचीत शामिल हैं। ये साधारण रोज़मर्रा की बातें हैं, फिर भी ये हमें जीवन की गहरी समस्याओं पर विचार करने के लिए मजबूर करती हैं।
मेरा मानना है कि जीवन ही मधुशाला है। हर किसी को यहीं रहना चाहिए, चाहे वो साधारण हो या असाधारण, इस दुनिया का हो या दूसरी दुनिया का। यहीं हमें रहना और काम करना है। हमें अपने सारे अनुभव जीवन से ही मिलते हैं। इसलिए, मुझे लगता है कि हमारे जीवन के अलावा कोई मधुशाला नहीं है।
जब जीवन की हर घटना हमें अनुभव के नशे में डुबो देती है, तो अलग से मधुशालाे की क्या ज़रूरत है?
अगर ध्यान से पढ़ा जाए तो यह छोटी सी किताब आपकी ज़िंदगी को पूरी तरह बदल देगी।